Gorakhpur News: शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान में बर्ड फ्लू के संक्रमण और वन्यजीवों की मौत की जांच के लिए आई केंद्रीय टीम ने मंगलवार को दो दिवसीय निरीक्षण के बाद जांच पूरी कर ली। टीम ने चिड़ियाघर में विभिन्न बाड़ों का निरीक्षण किया, जानवरों की जांच की और 50 से अधिक सैंपल लिए। इसके बाद टीम कानपुर चिड़ियाघर के लिए रवाना हो गई, जहां इसी तरह की जांच की जाएगी। संक्रमण की गंभीरता को देखते हुए गोरखपुर चिड़ियाघर को 27 मई तक के लिए फिर से बंद कर दिया गया है।
गौरतलब है कि बाघिन ‘शक्ति’ की मौत में बर्ड फ्लू के संक्रमण की पुष्टि के बाद से ही चिड़ियाघर को आम दर्शकों के लिए बंद कर दिया गया था। अब तक चार वन्यजीवों की मौत हो चुकी है। मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) ने विशेषज्ञों की एक उच्चस्तरीय टीम गठित की थी। इस टीम में डॉ. विजय कुमार तेवतिया (ज्वाइंट डायरेक्टर, एनिमल हसबेंडरी, दिल्ली), डॉ. मनोज कुमार (वरिष्ठ वैज्ञानिक, एनआईएएच भोपाल), डॉ. एम. पावड़े (वाइल्डलाइफ हेड, आईवीआरआई बरेली) और डॉ. एम. करिकलन (सीनियर पैथोलॉजिस्ट) शामिल थे।
टीम ने दो दिन तक (Gorakhpur) चिड़ियाघर के बाड़ों का निरीक्षण किया और बब्बर शेर ‘भरत’ सहित अन्य वन्यजीवों के स्वास्थ्य की जांच की। सैंपल में पक्षियों की बीट, तालाब का पानी, और जानवरों के पीने-नहाने के पानी के नमूने शामिल थे। सभी सैंपल को जांच के लिए राष्ट्रीय उच्च पशु रोग संस्थान भोपाल और आईवीआरआई बरेली भेज दिया गया है।
पक्षियों पर विशेष निगरानी के निर्देश
मंगलवार को भी चिड़ियाघर परिसर में एक कौआ मृत पाया गया। प्रारंभिक जांच में यह आशंका जताई गई है कि बर्ड फ्लू के संक्रमण के वाहक कौए या अन्य पक्षी हो सकते हैं। टीम ने सबसे अधिक समय पक्षियों के बाड़ों के निरीक्षण में लगाया और उनके व्यवहार तथा स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया। टीम ने पक्षियों को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरतने और उनके आवास की नियमित निगरानी करने के निर्देश दिए हैं।
शासन की उच्चस्तरीय कमेटी करेगी निरीक्षण
चिड़ियाघर में लगातार हो रही वन्यजीवों की मौत से शासन स्तर पर भी चिंता जताई गई है। इसी के चलते शासन द्वारा गठित एक हाई लेवल कमेटी मंगलवार की शाम गोरखपुर पहुंची। कमेटी ने चिड़ियाघर के चिकित्सकों से वन्यजीवों के स्वास्थ्य, देखभाल और प्रबंधन व्यवस्था पर विस्तृत जानकारी ली।
बुधवार को यह कमेटी चिड़ियाघर का व्यापक निरीक्षण करेगी, अस्पताल की सुविधाओं का जायजा लेगी और पूरी व्यवस्था का मूल्यांकन करेगी। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में संक्रमण की रोकथाम और वन्यजीव संरक्षण की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
इस कमेटी में डॉ. पराग निगम (वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया), डॉ. एम. करिकलन (आईवीआरआई बरेली), डॉ. पीके मलिक (रिटायर्ड हेड, वाइल्डलाइफ हेल्थ, डब्ल्यूआईआई एवं रिटायर्ड प्रधान मुख्य वन संरक्षक, उत्तराखंड) जैसे विशेषज्ञ शामिल हैं। यह टीम दो दिन तक (Gorakhpur) चिड़ियाघर का निरीक्षण कर संक्रमण के स्रोत और वन्यजीवों की मौत के कारणों का गहराई से अध्ययन करेगी और शासन को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी।