Gyanvapi Case: वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित ज्ञानवापी परिसर से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में मंगलवार (7 अक्टूबर 2025) को इस मामले की सुनवाई हुई। मामला है ज्ञानवापी परिसर के वजू खाने का एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) से वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराए जाने की मांग का।
क्या है मामला?
हिंदू पक्ष की तरफ से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है, जिसमें ज्ञानवापी परिसर में वजू खाने का भी वही वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने की मांग की गई है, जैसा कि बाकी परिसर के लिए पहले से हो चुका है।
यह याचिका श्रृंगार गौरी केस की मुख्य वादिनी राखी सिंह ने दाखिल की है। उन्होंने 21 अक्टूबर 2023 को वाराणसी सिविल कोर्ट के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है। सिविल कोर्ट ने इस मांग को पहले खारिज कर दिया था।
कोर्ट का क्या फैसला?
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस याचिका की अगली सुनवाई के लिए 10 नवंबर 2025 की तारीख तय की है। साथ ही, हाईकोर्ट ने इस मामले को स्वयंभू लार्ड और विशेष्वर से जुड़ी एक दूसरी याचिका के साथ भी जोड़ दिया है, ताकि दोनों मामलों की एक साथ सुनवाई हो सके।
इस मामले की सुनवाई जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच कर रही है।
पिछली सुनवाई में क्या हुआ था?
पहले वाराणसी के सिविल कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें पूरे ज्ञानवापी परिसर का एएसआई से सर्वे कराने की मांग की गई थी। उस समय हिंदू पक्ष के वकील विजय शंकर रस्तोगी ने कहा था कि वे इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय जाएंगे।
आखिर क्या है वजूखाना?
वजूखाना वह जगह होती है जहां लोग पूजा या नमाज से पहले हाथ-पैर धोकर साफ-सफाई करते हैं। ज्ञानवापी परिसर में इस वजूखाने का भी वैज्ञानिक सर्वे कराए जाने की मांग की जा रही है ताकि इस जगह से जुड़ी सच्चाई को जांचा जा सके।
फिलहाल इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी। तब तक इस विवाद से जुड़े तमाम पक्ष अपनी बात अदालत के सामने रखेंगे।
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