UP Lok Sabha Election 2024 : भारत में राजनीतिक परिदृश्य में बड़े पैमाने पर बदलाव आ रहे हैं, पश्चिम बंगाल से लेकर पंजाब तक फैले इंडिया ब्लॉक की एकता में दरारें उभर रही हैं। अब फोकस उत्तर प्रदेश पर है, जहां राजनीतिक माहौल लगातार बिगड़ रहा है। राज्य के चार प्रमुख राजनीतिक दल एक गठबंधन का हिस्सा थे – कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल और अपना दल (कमेरवादी)। हालांकि अपना दल के जयंत चौधरी ने पहले ही एनडीए के साथ गठबंधन करने का फैसला कर लिया है, जिससे गठबंधन के भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है।
ये भी देखें : General Election 2024 : मायावती ने कर दिया बड़ा एलान, 22 फीसदी वोटर सिर्फ BSP को देंगे वोट ?
समाजवादी पार्टी और अपना दल (कमेरवादी) के बीच एक समय मजबूत गठबंधन में भी तनाव के संकेत दिख रहे हैं, खासकर अखिलेश यादव को लेकर। दोनों नेताओं के बीच राजनीतिक गतिशीलता उनके संबंधों के भविष्य के बारे में अनिश्चितताएं बढ़ाती है। इन सबके बीच सारा ध्यान कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर केंद्रित हो गया है, जहां स्थिति आशावादी नहीं दिख रही है।
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच बढी दूरियां
सवाल उठता है कि आखिर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच दूरियां क्यों बढ़ रही हैं? क्या यह कांग्रेस की सीटों की बड़ी हिस्सेदारी की जिद से प्रेरित है, या यह अखिलेश यादव की व्यक्तिगत प्राथमिकताओं का मामला है?
बिहार में इसी तरह के अभियान के बाद राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा उत्तर प्रदेश में चल रही है। बिहार में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान अखिलेश यादव ने यात्रा के अमेठी और रायबरेली पहुंचने पर अपनी भागीदारी की घोषणा की। हालांकि जब यात्रा अमेठी पहुंची, तो अखिलेश यादव स्पष्ट रूप से अनुपस्थित थे। हालांकि वह अंततः सामने आए, लेकिन कांग्रेस के साथ सीट-बंटवारे का मुद्दा केंद्र में आ गया। अखिलेश यादव ने दो टूक कह दिया कि जब तक सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं बन जाती तब तक वह इसमें हिस्सा नहीं लेंगे।
अखिलेश ने दावा किया कि चर्चा चल रही है, दोनों तरफ से सूचनाएं आ रही हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि सीटों का बंटवारा तय होते ही समाजवादी पार्टी कांग्रेस के साथ न्याय यात्रा में सक्रिय रूप से शामिल होगी।