इलाहाबाद HC की लखनऊ बेंच ने पूर्व मंत्री और विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पत्नी भावना सिंह को राहत दी है, जिनके खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। आपको बता दें कि अदालत ने जांच अधिकारी को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि अर्नेश कुमार मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए सभी प्रासंगिक बयान दर्ज किए जाएं, क्योंकि इस मामले में सभी आरोपों में सात साल से कम की सजा का प्रावधान है।
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इस आदेश के साथ ही पीठ ने भावना कुमारी सिंह की याचिका पर आदेश पारित करते हुए एफआईआर रद्द करने की याचिका खारिज कर दी है। पीठ की न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति एनके जौहरी ने भावना कुमारी सिंह की याचिका पर यह आदेश दिया, जिसमें उन्होंने हजरतगंज पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ साजिश, मानहानि और एक महिला की गरिमा का अपमान करने के आरोप में दर्ज प्राथमिक जांच को रद्द करने की मांग की थी।
भावना सिंह की बहन ने अपनी याचिका में लगाया आरोप
बता दें कि भावना सिंह की बहन साधवी सिंह ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उनकी बहन भावना सिंह ने एक न्यूज चैनल के उपाध्यक्ष, पत्रकार और एंकर के साथ मिलकर उनकी सामाजिक और नैतिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की साजिश रची है। हालांकि, सुनवाई के दौरान पीठ ने भावना के वकील से सवाल किया कि क्या उनके बयान के आधार पर ऐसी खबरें प्रसारित करने के लिए चैनल के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज की गई है।
जवाब में भावना के वकील ने माना कि चैनल के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। पीठ द्वारा की गई टिप्पणी से यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि चैनल पर प्रसारित सामग्री के लिए भावना जिम्मेदार है या नहीं। बहरहाल, मामले में आरोपों पर विचार करते हुए पीठ ने जांच को लेकर अरनेश कुमार मामले में दिये गये निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया है।