Maha Kumbh 2025 : सोशल मीडिया पर महाकुंभ मेले की भव्यता देखकर चार भाई-बहनों के मन में चाय-नाश्ते की दुकान लगाने का ऐसा ख्याल आया कि वे अपने मां-बाप को कुछ बताए बगैर गोरखपुर से भागकर प्रयागराज आ गए और महाकुंभ मेले में अपनी दुकान खोल ली। यह कहानी न केवल आत्मनिर्भरता और साहस की है, बल्कि संघर्ष और परिवार के लिए कुछ करने की प्रेरणा भी देती है।
नाम न छापने की शर्त पर 22 वर्षीय एक युवती ने बताया, “मेरे पिता पुलिस में हैं और मां गृहिणी हैं। पापा अकेले ही काम करते हैं और हम चार भाई-बहनों की पढ़ाई-लिखाई समेत सभी खर्चों का जिम्मा उनके ऊपर है। उनकी अकेले की मेहनत से घर का खर्च पूरा नहीं हो पाता, और हम उनकी यह हालत देखकर परेशान हो जाते थे।”
उन्होंने बताया, “एक दिन कुंभ का एक वीडियो देखा, जिसमें लोग अच्छा मुनाफा कमा रहे थे। तभी मेरी छोटी बहन ने विचार किया कि क्यों न हम भी कुंभ में दुकान लगाकर कुछ पैसा कमाएं। पापा इसके खिलाफ थे, लेकिन वह ड्यूटी पर थे, इसलिये हम बिना बताए गोरखपुर से प्रयागराज आ गए। यहां हमने एक ठेला खरीदा और काली सड़क पर दुकान खोल ली।”
जमापूंजी से खोली दुकान
युवती ने आगे बताया कि उनकी छोटी बहन (20 वर्ष) और दो छोटे भाई (15 और 17 वर्ष) दुकान संभाल रहे हैं। उन्होंने बताया, “दुकान के लिए छोटी बहन ने अपनी सहेली से 10,000 रुपये उधार लिये और मैंने अपनी कान की बाली सोनार के पास गिरवी रखकर 5,000 रुपये जुटाए। इस जमापूंजी से हमने यह दुकान खोली है।”
जब उनसे यह पूछा गया कि वे रात में कहां रहते हैं, तो छोटी बहन ने जवाब दिया, “हमने पास में एक कमरा किराये पर लिया है, लेकिन मेला इतना बड़ा है और काम इतना अधिक है कि (Maha Kumbh 2025 ) रात में भी हमें फुर्सत नहीं मिलती। इसलिए हम रात को भी यहीं रहते हैं।”
युवती ने अपनी अकादमिक पृष्ठभूमि के बारे में बताया कि वह अध्यापक बनने की पढ़ाई कर रही हैं, जबकि उनकी छोटी बहन स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही हैं। दोनों भाई भी पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया, “इस ठेले के बाद हमारा अगला लक्ष्य एक रेस्तरां खोलने का है, और फिर एक छोटा सा होटल खोलने का है। हमारी यह दुकान, हमारा पहला कदम है।”
जब उनसे पूछा गया कि दुकान लगाने पर मेला प्रशासन के लोग परेशान तो नहीं करते, तो उन्होंने कहा, “नहीं, मेला प्रशासन के लोग हमारी मदद करते हैं, लेकिन उनका केवल एक सुझाव रहता है कि हम साफ-सफाई का ध्यान रखें। इसलिए हम लोग भी सफाई का बहुत ध्यान रखते हैं।”
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