Mukhtar Ansari : कुख्यात माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को अवैध बंदूक से जुड़े एक मामले में आखिरकार सजा सुनाई गई है। इस खुलासे से जिले से लेकर राजधानी तक के अधिकारियों में हड़कंप मच गया जब मामला कोर्ट तक पहुंच गया। गवाही देने के लिए डीजीपी और मुख्य सचिव को भी वाराणसी के एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश होना पड़ा।
घटना 1989-90 की है जब मुख्तार अंसारी के एक प्रतिद्वंद्वी ने अवैध बंदूक से संबंधित शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद राज्य सरकार ने मामला सीबीआई को सौंप दिया। सीबीआई ने आरोपों की पुष्टि के बाद 4 दिसंबर 1990 को माफिया डॉन मुख्तार अंसारी और तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत पांच अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
जानकारी के मुताबिक, मुख्तार अंसारी ने जून 1987 में अपने अवैध असलहे के लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। वह तत्कालीन डीएम और एसपी के फर्जी हस्ताक्षर करके न केवल मंजूरी हासिल करने में कामयाब रहे, बल्कि अपने प्रभाव से असली लाइसेंस भी हासिल कर लिया।
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असलहा बाबू की मिलीभगत
Mukhtar Ansari : सीबीआई ने 1997 में मामले के विवरण को रेखांकित करते हुए एक आरोप पत्र दायर किया। मुकदमे के दौरान संयोगवश लाइसेंस जारी करने वाले असलहा बाबू गौरीशंकर श्रीवास्तव का निधन हो गया। बहरहाल, बुधवार को अदालती कार्यवाही के दौरान वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को मामले में संलिप्तता के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई।
कोर्ट ने कहा कि मुख्तार अंसारी को ऐसे अपराधों के लिए अधिकतम सजा मिल रही है। हालांकि, इस मामले में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप साबित नहीं हो सके। मुख्य सचिव आलोक रंजन को भी गवाही देने के लिए उपस्थित होना पड़ा क्योंकि मुख्तार अंसारी ने लाइसेंस के लिए उनसे फर्जी हस्ताक्षर लिए थे।
एमपी-एमएलए अदालत में मुकदमे में पूर्व एसपी देवराज नागर और गाज़ीपुर के तत्कालीन डिप्टी डीएम की उपस्थिति भी देखी गई, जिन्होंने गवाही भी दी। मामले में आईएएस अधिकारी जगन मैथ्यूज समेत कई अन्य अधिकारियों ने अपने बयान पेश किये। इन्हीं बयानों और सीबीआई की ओर से पेश किए गए सबूतों के आधार पर कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी पाया और सजा सुनाई।
Mukhtar Ansari : यह माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की समाप्ति का प्रतीक है, जिसके खिलाफ वाराणसी, गाजीपुर, मौन और विभिन्न जिलों में हत्या, हत्या के प्रयास, और डकैती के आरोप सहित कुल 61 मामले लंबित हैं। गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी के बेटे और मौन विधायक अब्बास अंसारी पहले से ही मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जेल में हैं। इस बीच उनकी पत्नी अफशां अंसारी और बहनोई फिलहाल इसी मामले में गिरफ्तारी से बचे हुए है वह अभी फरार चल रहे हैं।