Noida News : उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के विकास को लेकर लगातार नई पहल कर रही है। सड़क परियोजनाओं से लेकर खेल जगत तक सरकार प्रदेश को उन्नति के नए आयाम की ओर तेजी से बढ़ा रही है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश को एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है। प्रदेश में जल्द ही 226 गांवों की जमीन पर ओलंपिक सिटी तैयार होगी। यह परियोजना प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।
दिसंबर में यमुना प्राधिकरण (यीडा) द्वारा मास्टर प्लान-2041 को प्रदेश कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इस ओलंपिक पार्क को बनाने की योजना शुरू हो गई थी। इसे ओलंपिक स्पोर्ट्स पार्क’ के नाम से जाना जाएगा। इस पार्क को इस तरह तैयार किया जाएगा कि ओलंपिक जैसे बड़े खेल आयोजन आसानी से आयोजित किए जा सकें। इसमें ओलंपिक गेम्स के लिए आवश्यक स्टेडियम और सभी सुविधाएं होंगी। इसके साथ ही खिलाड़ी और अधिकारियों के लिए लग्जरी रूम भी बनाए जाएंगे, जहां वे खेल आयोजनों के दौरान रुक सकेंगे।
विशाल स्पोर्ट्स पार्क का आकार
ओलंपिक स्पोर्ट्स पार्क नोएडा के सेक्टर-22F और सेक्टर-23B में बनेगा और इसका कुल क्षेत्रफल 52.4 हेक्टेयर होगा। यह पार्क ना केवल खिलाड़ियों को सुविधाएं प्रदान करेगा, बल्कि दर्शकों के लिए भी विशेष व्यवस्थाएं की जाएंगी।
226 गांवों की भूमि पर बनेगी ओलंपिक सिटी
नोएडा (Noida News) के 226 गांवों की जमीन पर यह ओलंपिक सिटी तैयार होगी, इसके लिए उन गांवों के मालिकों को उचित मुआवजा भी दिया जाएगा। इस विशाल परियोजना को तेज़ी से पूरा करने के लिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। यमुना अथॉरिटी के अधिकारियों के अनुसार मास्टर प्लान-2041 में ओलंपिक सिटी के निर्माण का प्रस्ताव प्रमुख रूप से शामिल किया गया था। इसके तहत ओलंपिक विलेज बनाने का भी प्रस्ताव पारित किया गया है। इस योजना के तहत 5000 फ्लैट बनाए जाएंगे, जिनमें 1 बीएचके, 2 बीएचके और 3 बीएचके के आवास होंगे। इन फ्लैट्स का उपयोग ओलंपिक गेम्स के दौरान खिलाड़ियों, अधिकारियों और अन्य कर्मियों के ठहरने के लिए किया जाएगा।
जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया
इस ओलंपिक सिटी के निर्माण के लिए गौतमबुद्ध नगर के 131 और बुलंदशहर के 95 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इस प्रकार कुल मिलाकर 226 गांवों को जोड़कर यह मास्टर प्लान तैयार किया गया है। पहले इस योजना में 171 गांवों को शामिल किया गया था, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ाकर 226 कर दी गई है।