Sambhal News : समाजवादी पार्टी का 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आज सपा नेता माता प्रसाद पांडे के नेतृत्व में संभल जाने वाला था, लेकिन संभल जिलाधिकारी ने इसे रोक दिया है। जिलाधिकारी ने विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे को फोन कर बताया कि वे 10 दिसंबर तक संभल न आएं। सपा नेता ने कहा कि वे अब पार्टी दफ्तर जा रहे हैं, जहां बैठक करके आगे की रणनीति तय करेंगे।
सपा नेता ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि जब प्रेस कॉन्फ्रेंस की जा सकती है, तो हम लोग वहां क्यों नहीं जा सकते? हम कोई हिंसा या अशांति नहीं फैलाने जा रहे थे। यह हमारा मौलिक अधिकार है कि हम किसी भी जगह जा सकें और लोगों से मिल सकें। इस मामले में हमें अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।
‘हम चुपके से नहीं जा रहे थे’ – माता प्रसाद पांडे
माता प्रसाद पांडे ने कहा कि, “हम चुपके से नहीं जा रहे थे, हमने पहले ही अपना कार्यक्रम घोषित किया था। लेकिन अब अचानक डीएम का फोन आया और कहा गया कि हम दस दिसंबर तक संभल नहीं आ सकते।” उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम का उद्देश्य यह है कि उन्हें सच्चाई का पता न चल सके और यह भ्रम फैलाया जा सके कि यदि वे वहां जाएंगे तो अशांति होगी।
सपा के नेता ने यह भी कहा कि प्रशासन ने उन्हें लिखित सूचना देने के बजाय पुलिस तैनात कर दी है, जो उनके लिए बेहद असमंजस की स्थिति उत्पन्न करता है। माता प्रसाद पांडे ने कहा कि यदि मीडिया को वहां जाने की अनुमति है तो सपा प्रतिनिधिमंडल को क्यों रोका जा रहा है।
समाजवादी पार्टी के नेताओं का यह भी कहना था कि वे उन परिवारों से मिलना चाहते थे, जिन्होंने हाल ही में अपने प्रियजनों को खो दिया है, और यह मुलाकात उनके लिए सहानुभूति व्यक्त करने का एक तरीका था।
संभल में 1 दिसंबर से 10 दिसंबर तक बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध
गौरतलब है कि संभल (Sambhal News ) जिलाधिकारी राजेंद्र पैंसिया ने 1 दिसंबर से 10 दिसंबर तक बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए थे। इन निर्देशों के तहत बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के कोई भी व्यक्ति संभल में प्रवेश नहीं कर सकेगा। इन आदेशों के अनुसार, अन्य समाजिक संगठन और जनप्रतिनिधियों को भी बिना अनुमति के संभल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
समाजवादी पार्टी ने इस कदम पर विरोध जताया है और इसे सरकार की गलत नीतियों का हिस्सा मानते हुए इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है।