राजनीति

अपना यूपी

क्राइम

बड़ी खबर

स्पोर्ट्स

वेब स्टोरीज

खबर

Vrindavan News: बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी, मंदिर खजाने से 500 करोड़ रुपये खर्च करने की अनुमति

by | May 15, 2025 | अपना यूपी, बड़ी खबर, मुख्य खबरें

Vrindavan News: वृंदावन स्थित ऐतिहासिक श्री बांके बिहारी मंदिर के आसपास प्रस्तावित भव्य कॉरिडोर परियोजना को सर्वोच्च न्यायालय ने हरी झंडी दे दी है। न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को मंदिर के खजाने से 500 करोड़ रुपये की राशि भूमि अधिग्रहण के लिए उपयोग करने की अनुमति प्रदान की है। यह राशि केवल जमीन खरीदने तक सीमित रहेगी, और खरीदी गई जमीन मंदिर ट्रस्ट के नाम पर ही होगी।

गौरतलब है कि इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंदिर कोष से जमीन खरीदने की अनुमति नहीं दी थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के नवंबर 2023 के आदेश को आंशिक रूप से संशोधित करते हुए जमीन की खरीद को मंजूरी दे दी है, बशर्ते यह अधिग्रहण मंदिर ट्रस्ट या देवता के नाम पर हो।

सर्वोच्च अदालत ने स्पष्ट किया है कि उत्तर प्रदेश सरकार मंदिर निधि का उपयोग केवल मंदिर के आसपास की जमीन खरीदने के लिए ही कर सकती है, और यह जमीन मंदिर ट्रस्ट की संपत्ति मानी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि ऐतिहासिक मंदिरों के रखरखाव और भीड़ प्रबंधन के लिए यह एक आवश्यक कदम है, ताकि श्रद्धालुओं को सुविधाएं दी जा सकें।

फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा है कि मंदिर प्रबंधन में जिला प्रशासन और अधिवक्ताओं की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने सिविल जज (वरिष्ठ डिवीजन), मथुरा को निर्देश दिया कि वे वैष्णव परंपरा, वेद-शास्त्रों की जानकारी और मंदिर प्रबंधन अनुभव रखने वाले रिसीवर की नियुक्ति करें।

कोर्ट ने कहा कि मंदिरों के लिए रिसीवर की नियुक्ति करते समय यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि संबंधित व्यक्ति धार्मिक पृष्ठभूमि से जुड़ा हो, खासतौर पर वैष्णव संप्रदाय से। अधिवक्ताओं को रिसीवर नियुक्त करना सही नहीं माना गया है, क्योंकि मंदिरों की प्रबंधन व्यवस्था धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक समझ की मांग करती है।

सरकार की योजना है कि मंदिर के आसपास 5 एकड़ भूमि पर भव्य कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। राज्य सरकार ने कहा है कि वह मंदिर की स्थायी जमा (Fixed Deposit) से जमीन खरीदेगी, लेकिन जमीन का स्वामित्व मंदिर ट्रस्ट के पास ही रहेगा। यह कॉरिडोर दर्शनार्थियों के लिए बेहतर व्यवस्था, होल्डिंग एरिया, प्रवेश और निकास की सुविधा प्रदान करेगा।

सुनवाई के दौरान यह बताया गया कि बांके बिहारी मंदिर का क्षेत्रफल मात्र 1,200 वर्ग फुट है, जबकि प्रतिदिन यहां 40,000 से 50,000 श्रद्धालु पहुंचते हैं। सप्ताहांत और त्योहारों के समय यह संख्या 1.5 से 5 लाख तक पहुंच जाती है। ऐसे में भीड़ प्रबंधन एक बड़ी चुनौती बन चुका है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट को बताया कि वह मंदिर के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती। सरकार का उद्देश्य केवल श्रद्धालुओं की सुविधा और भीड़ नियंत्रण के लिए बाहरी ढांचे का विकास करना है। मंदिर पर सरकार का कोई स्वामित्व या नियंत्रण नहीं होगा।

ये भी पढ़ें : BSF Constable Returns: ऑपरेशन सिंदूर के बाद कॉन्स्टेबल की घर वापसी, भारत का सिर ऊंचा, बैकफुट पर पाकिस्तान

ये भी देखें : India-Pakistan: India-Pak सहमति के बाद PM Modi पर बरसे कपिल सिब्बल।

अपना यूपी

क्राइम

आपका जिला

वीडियो

ट्रेंडिंग

बड़ी खबर