Kedarnath News: उत्तराखंड में जारी बारिश के चलते केदारनाथ धाम की यात्रा एक बार फिर मुश्किल में पड़ गई है। सोनप्रयाग से दो किलोमीटर दूर मुनकटिया क्षेत्र फिर से बाधित बन गया है। यहां पहाड़ी से भारी मलबा और पत्थर गिरने के कारण सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है। यह रास्ता शटल सेवा के संचालन के लिए उपयोग में आता है और इसके बाधित होने से हजारों श्रद्धालुओं को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
बारिश बनी यात्रा में रुकावट
यह कोई पहली बार नहीं है जब मुनकटिया में भूस्खलन के कारण यात्रा रुकी हो। हर वर्ष बरसात के मौसम में यह क्षेत्र सिरदर्द बन जाता है, जिससे न केवल जिला प्रशासन और पुलिस बल्कि यात्रा पर निकले श्रद्धालु भी प्रभावित होते हैं।
कोतवाली सोनप्रयाग क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इस स्थान पर आज सुबह भारी भूस्खलन हुआ, जिससे वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है। प्रशासन ने बताया कि यात्रा को अगले 4–5 घंटे के लिए रोका गया है और श्रद्धालुओं को रास्ता खुलने तक वेटिंग जोन में रोका जा रहा है।
पैदल मार्ग भी बना चुनौती
लगातार हो रही बारिश ने गौरीकुंड से केदारनाथ तक के 24 किलोमीटर लंबे पैदल मार्ग को भी बेहद चुनौतीपूर्ण बना दिया है। कहीं कीचड़ तो कहीं फिसलन के कारण यात्रा जोखिमभरी हो गई है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं को पैदल मार्ग से सावधानीपूर्वक चलने और समूह में यात्रा करने की सलाह दी है।
मौके पर मौजूद प्रशासन ने मुनकटिया में अस्थायी रूप से रास्ता पैदल आवाजाही लायक बनाया है, और श्रद्धालुओं को सुरक्षित क्षेत्रों तक पैदल पार करवाया जा रहा है।
प्रशासन की अपील
जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने केदारनाथ धाम आने वाले सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपनी यात्रा की योजना मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार बनाएं। साथ ही प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों और अपडेट्स को नियमित रूप से देखें और उनका पालन करें।
बद्रीनाथ मार्ग भी बाधित
इधर, बद्रीनाथ यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं के लिए भी बुरी खबर आई। गोविंदघाट के पास NH-7 पर भी भूस्खलन हुआ, जिससे बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब की ओर जाने वाला रास्ता पूरी तरह बंद हो गया। हालांकि, सीमा सड़क संगठन (BRO) ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिया और सुबह 7:30 बजे तक यातायात बहाल कर दिया गया।
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