Uttarkashi Cloud Burst: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद में प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर भयावह रूप दिखाया है। मंगलवार सुबह धराली गांव में बादल फटने की घटना ने क्षेत्र में भारी तबाही मचाई है। बादल फटने के कारण खीरगंगा नदी में अचानक आई बाढ़ ने पूरे धराली बाजार को तबाह कर दिया। हादसे के बाद से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।
धराली बाजार पूरी तरह तबाह
प्रत्यक्षदर्शियों और स्थानीय लोगों के अनुसार, बाढ़ का पानी इतनी तेजी से आया कि कई होटलों और दुकानों में मलबा और पानी घुस गया। कई दुकानें और होटल पूरी तरह से ध्वस्त हो गए। स्थानीय प्रशासन को कुछ लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।
राहत-बचाव कार्य में जुटी टीमें
घटना की सूचना मिलते ही आर्मी, हर्षिल पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें तुरंत भटवाड़ी की ओर रवाना कर दी गईं हैं। जिला प्रशासन और राज्य आपदा प्रबंधन बल (SDRF) के साथ मिलकर राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और कहा कि “मैं वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में हूं और हालात पर लगातार नजर रख रहा हूं।”
बडकोट में भारी बारिश से 18 बकरियां बहीं
इसी बीच उत्तरकाशी के ही बडकोट तहसील क्षेत्र में बनाल पट्टी में भारी बारिश के कारण कुड गदेरा उफान पर आ गया। गदेरे की चपेट में आकर करीब 18 बकरियां बह गईं, जिससे स्थानीय लोगों में अफरातफरी का माहौल है।
10 अगस्त तक भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग के निदेशक रोहित थपलियाल ने बताया है कि प्रदेश में 10 अगस्त तक भारी बारिश के आसार बने हुए हैं। खासकर पर्वतीय इलाकों में बारिश का दौर और तेज हो सकता है। इसके मद्देनजर देहरादून, पौड़ी, टिहरी और हरिद्वार जिलों में मंगलवार को स्कूल बंद रखने का आदेश जारी किया गया है।
भारत सरकार से मांगी गई हेलिकॉप्टर सहायता
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन विभाग ने भारत सरकार से दो एमआई हेलिकॉप्टर और एक चिनूक हेलिकॉप्टर राहत व बचाव कार्यों के लिए उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली प्राथमिक जानकारी के अनुसार, उत्तरकाशी में स्थिति गंभीर बनी हुई है।
स्थिति पर नजर
प्रशासन की ओर से लगातार राहत कार्य जारी है, लेकिन भू-भाग की विषम परिस्थितियों और मौसम की अनिश्चितता के कारण दिक्कतें बनी हुई हैं। फिलहाल, जनता से अपील की जा रही है कि वे अफवाहों से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में यह घटना एक बार फिर यह दिखा गई कि हिमालयी क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन और अत्यधिक वर्षा किस प्रकार जनजीवन को संकट में डाल सकती है। प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय लोग भी राहत कार्यों में जुटे हुए हैं और पूरे राज्य की निगाहें अब उत्तरकाशी पर टिकी हुई हैं।
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