UP 69000 Teachers Recruitment : उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षक भर्ती मामले को लेकर अभ्यर्थियों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आपको बता दें कि अभ्यर्थी योगी सरकार में ओबीसी और पिछड़े वर्ग के हित की आवाज उठाने वाले कई नेताओं के आवास पर धरना दे रहे हैं। अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं करती है तो इसका असर यूपी के आगामी उपचुनावों पर पड़ेगा। उन्होंने ऐलान किया, “हम उपचुनावों में भाजपा की कमर तोड़ देंगे।”
आज शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने नियुक्ति पत्र की मांग को लेकर योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के आवास पर धरना दिया। प्रदर्शन के दौरान काफी अफरातफरी और नारेबाजी हुई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
योगी सरकार को चेतावनी
प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थियों ने राज्य सरकार की जमकर आलोचना की। उन्होंने चेतावनी दी कि जिस तरह यूपी में लोकसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा, उसी तरह आगामी उपचुनावों में भी हार का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा उपचुनाव में भी भाजपा की ताकत को तोड़ने का संकल्प लिया। उन्होंने ओम प्रकाश राजभर के उस बयान की भी कड़ी आलोचना की जिसमें उन्होंने इस मामले पर चर्चा के लिए सीएम योगी से मुलाकात करने की बात कही थी।
अभ्यर्थियों ने राजभर के बयान पर जताई आपत्ति
अभ्यर्थियों ने तर्क दिया कि जब उनके अधिकारों की बात आती है तो मुख्यमंत्री से मिलने के लिए एक प्रोटोकॉल की आवश्यकता होती है। हालांकि, जब कुछ हासिल करना होता है तो नेता फूलों का गुलदस्ता लेकर कभी भी उनसे मिल सकते हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) से जुड़े होने के आरोपों के जवाब में अभ्यर्थियों ने एबीपी न्यूज से कहा कि राजभर का दावा झूठा है। एक अभ्यर्थी ने कहा, “सपा से कोई भी यहां नहीं है। कुछ लोग हमारा समर्थन कर रहे हैं, लेकिन हमारा आंदोलन राजनीतिक नहीं है।” उन्होंने कहा कि मंत्री गलत सूचना फैला रहे हैं।
पिछले चार दिनों से शिक्षक भर्ती अभ्यर्थी भाजपा के ओबीसी नेताओं और सहयोगी पार्टी के नेताओं के आवासों के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले, उन्होंने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, योगी सरकार के मंत्री आशीष पटेल और यूपी बीजेपी प्रमुख भूपेंद्र चौधरी के आवासों पर विरोध प्रदर्शन किया।
अभ्यर्थियों ने न्याय की मांग
अभ्यर्थियों ने न्याय की मांग जारी रखी है और नियुक्ति पत्र जारी करने में सरकार की देरी की आलोचना करते हुए उनका विरोध प्रदर्शन जोर पकड़ता जा रहा है। उन्होंने कहा है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया है कि जब तक उन्हें उनकी उचित नियुक्ति नहीं मिल जाती, वे पीछे नहीं हटेंगे।