New Wave of COVID-19: साल 2020 में पूरी दुनिया को झकझोर देने वाला कोविड-19 वायरस एक बार फिर से सिर उठा रहा है। हालांकि इसके जख्म अब तक पूरी तरह भरे नहीं हैं, लेकिन एशिया के कई हिस्सों में कोरोना की नई लहर ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। हांगकांग और सिंगापुर जैसे विकसित शहरों में कोविड-19 के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। वहीं भारत में भी संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या बढ़ रही है, हालांकि अभी हालात नियंत्रण में हैं।
एशिया में कोरोना की नई लहर
हांगकांग में कोविड मामलों में भारी उछाल देखा गया है। पिछले 10 हफ्तों में यहां प्रत्येक सप्ताह कोरोना केस 30 गुना तक बढ़े हैं। वहीं सिंगापुर में भी हालात गंभीर हो रहे हैं। 3 मई को खत्म हुए सप्ताह में सिंगापुर में लगभग 14,200 नए मामले सामने आए, जो कि पिछले हफ्ते दर्ज हुए 11,100 मामलों से करीब 28% अधिक हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए सिंगापुर सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है।
यहां अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या में भी 30% की बढ़ोतरी हुई है। हांगकांग की बात करें तो बीते हफ्ते में 31 लोग गंभीर रूप से बीमार हुए, जो इस वायरस की गंभीरता को फिर से उजागर करता है।
भारत में भी बढ़ने लगे कोरोना के मामले
हालांकि भारत में स्थिति अभी गंभीर नहीं है, लेकिन धीरे-धीरे मामले बढ़ते दिखाई दे रहे हैं। बीते हफ्ते देशभर में 164 नए कोविड मामले दर्ज किए गए, जिससे कुल सक्रिय मामलों की संख्या 257 हो गई है। इनमें सबसे अधिक केस केरल (69), महाराष्ट्र (44) और तमिलनाडु (34) से आए हैं।
स्वास्थ्य विभाग सतर्क
भारत में कोरोना को लेकर केंद्र सरकार पूरी तरह सतर्क है। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), आईसीएमआर, आपदा प्रबंधन विभाग और केंद्र सरकार के अस्पतालों के विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस बैठक में कोरोना की वर्तमान स्थिति और उससे निपटने की रणनीति पर चर्चा की गई।
फिलहाल नियंत्रण में हैं हालात
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि फिलहाल कोविड-19 की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। 19 मई 2025 तक देश में केवल 257 सक्रिय मामले हैं और इनमें से अधिकतर मरीजों की हालत सामान्य है। उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता नहीं पड़ी है।
सरकार ने देश के सभी अस्पतालों को निर्देश दिए हैं कि वे इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों और गंभीर सांस की तकलीफ वाले मरीजों पर निगरानी बनाए रखें। साथ ही आईडीएसपी और आईसीएमआर जैसे संस्थान निरंतर वायरस की निगरानी कर रहे हैं ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके।