Amit Shah Emergency Meeting: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत जम्मू-कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर किए गए हमलों के बाद, देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को पाकिस्तान और नेपाल से सटी सीमाओं वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों, मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों (DGP) की तत्काल उच्चस्तरीय बैठक बुलाई।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई समीक्षा
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, सिक्किम और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और डीजीपी शामिल हुए। इसके अलावा लद्दाख के उपराज्यपाल भी इस बैठक में उपस्थित रहे। सूत्रों के मुताबिक, बैठक का मुख्य उद्देश्य सीमावर्ती राज्यों की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करना और आतंकवाद के खिलाफ रणनीतिक कदमों को मजबूत करना था।
सभी केंद्रीय बलों को अलर्ट पर रहने का निर्देश
गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक में सुरक्षा को लेकर कड़े निर्देश दिए। उन्होंने सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के प्रमुखों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि जो भी जवान छुट्टी पर हैं, उन्हें तुरंत ड्यूटी पर वापस बुलाया जाए। अमित शाह ने देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा करते हुए अधिकारियों से कहा कि वे सतर्क रहें और सभी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखें।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ आतंकवादियों को करारा जवाब
गृह मंत्री ने स्पष्ट कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पहलगाम में निर्दोष लोगों की हत्या का जवाब है। उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार भारत और उसके नागरिकों पर किसी भी प्रकार के हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह संकल्पबद्ध है। शाह ने कहा, “भारत आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और आतंक के खिलाफ यह लड़ाई निर्णायक साबित होगी।”
22 अप्रैल का हमला बना कार्रवाई की वजह
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। इसी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर कार्रवाई की थी, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया।
सीमा पर चौकसी और देश में अलर्ट मोड
अमित शाह (Amit Shah) की अगुवाई में हुई इस समीक्षा बैठक के बाद साफ हो गया है कि भारत सरकार देश की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करने वाली है। सीमावर्ती राज्यों में चौकसी बढ़ा दी गई है और हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। आने वाले दिनों में और भी सख्त कदम उठाए जाने की संभावना है ताकि आतंक के मंसूबों को पूरी तरह नाकाम किया जा सके।