Sambhal News : इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद रविवार को उत्तर प्रदेश के संभल की शाही जामा मस्जिद की बाहरी दीवार की पुताई का काम शुरू हो गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम शनिवार को मस्जिद का सर्वे करने के लिए पहुंची थी, और इसके बाद पुताई के काम के लिए कर्मचारी मौके पर पहुंचे। मस्जिद की बाहरी दीवार पर पुताई का काम अब शुरु हो चुका है, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
हाई कोर्ट के आदेश के तहत शाही जामा मस्जिद के बाहरी हिस्से की पुताई का काम किया जा रहा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 12 मार्च को एएसआई को निर्देश दिया था कि वह एक सप्ताह के अंदर मस्जिद में पुताई का काम पूरा करें। कोर्ट के आदेश के बाद, एएसआई की टीम ने 13 मार्च को मस्जिद का मूल्यांकन किया, और इसके बाद पुताई का काम शुरू कर दिया।
8 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
Sambhal शाही जामा मस्जिद इस समय सुर्खियों में है, खासकर पिछले साल 24 नवंबर को यहां मुगलकालीन मस्जिद के सर्वे के बाद भड़कने वाले दंगों के कारण। दंगे इतने गंभीर हो गए थे कि चार लोगों की मौत हो गई थी और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। हालांकि, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मस्जिद की बाहरी दीवार पर पुताई और लाईट लगाने की अनुमति दे दी है। इस मामले में अगली सुनवाई 8 अप्रैल को होगी।
ASI की टीम ने लिया जायजा
शाही जामा मस्जिद के सचिव मसूद फारूकी ने बताया कि एएसआई की एक टीम शनिवार दोपहर के समय मस्जिद में पहुंची और पुताई के काम के लिए आवश्यक मजदूरों और सामग्री का आकलन किया। इसके बाद मस्जिद के अध्यक्ष जफर अली ने कहा कि होली के बाद पुताई का काम शुरू कर दिया जाएगा, और 16 मार्च को पेंटिंग का काम आधिकारिक रूप से प्रारंभ हो गया है।
हिंदू पक्ष का बयान
हिंदू पक्ष के वकील हरि शंकर जैन ने स्पष्ट किया कि पुताई सिर्फ मस्जिद की बाहरी दीवार पर की जा रही है। एएसआई ने मस्जिद के बाहरी हिस्से पर लाईट लगाने का भी निर्देश दिया था। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एएसआई को निर्देश दिया था कि वह (Sambhal) मस्जिद की बाहरी दीवारों पर पुताई करने से संबंधित विशिष्ट साक्ष्य पेश करे। मस्जिद समिति के वकील एसएफए नकवी ने कहा कि एएसआई ने कभी यह नहीं कहा कि वह विवादित ढांचे की बाहरी दीवारों पर पुताई और लाईट लगाने का विरोध कर रहा है।
जफर अली का बयान
जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली ने कहा कि उन्होंने इस मामले में याचिका लगाई थी। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के ठेकेदार मस्जिद की बाहरी दीवारों पर रंगाई कर रहे हैं। उनका कहना है कि पहले भी सफेद, हरा और सुनहरे रंग का इस्तेमाल पेंट में किया जाता रहा है, और इस बार भी यही रंग इस्तेमाल किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हिंदू पक्षकारों द्वारा भगवा रंग को लेकर की गई टिप्पणियां बकवास हैं और ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए। उनका कहना है कि शहर में अमन और शांति बनी रहनी चाहिए। जफर अली ने यह भी कहा कि रमजान के दौरान मस्जिद पर लाईटिंग की जाएगी और इसका खर्चा मस्जिद कमेटी द्वारा वहन किया जाएगा, हालांकि कुछ खर्च आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया भी वहन कर सकता है।