Operation Sindoor: भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई नए चरण में प्रवेश कर चुकी है। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब भारत की ओर से एक बड़ा कूटनीतिक कदम उठाया जा रहा है। इस महीने के अंत में भारत के सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया के प्रमुख साझेदार देशों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्यों का दौरा करेंगे। इस दौरे का मकसद भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को वैश्विक मंच पर मजबूती से रखना है।
इन प्रतिनिधिमंडलों में विभिन्न दलों के प्रमुख सांसद
- कांग्रेस से शशि थरूर
- बीजेपी से रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा
- जेडीयू से संजय कुमार झा
- डीएमके से कनिमोझी करुणानिधि
- एनसीपी से सुप्रिया सुले
- शिवसेना से श्रीकांत एकनाथ शिंदे
पाकिस्तान की आतंकवाद को लेकर फैलाई जा रही झूठी कहानियों को दुनिया के सामने बेनकाब करना। भारत यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बताएगा कि कैसे पाकिस्तान ने आतंकियों को पनाह दी है और भारत विरोधी गतिविधियों में उनका इस्तेमाल किया है। भारत के पास इसके पुख्ता सबूत हैं, जिन्हें वैश्विक मंचों पर प्रस्तुत किया जाएगा।
‘Operation Sindoor’ आतंक के ठिकानों पर करारा वार
भारत ने यह कड़ा कदम 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद उठाया, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस क्रूर हमले के जवाब में 7 मई की रात भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंकवादियों के मारे जाने की पुष्टि हुई।
पाकिस्तान ने इस ऑपरेशन के बाद भारत पर झूठे आरोप लगाए कि आम नागरिक, मस्जिदें और बच्चे निशाना बने हैं। हालांकि, भारतीय सेना ने साफ किया कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य केवल आतंकवाद का सफाया करना था, आम नागरिकों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुँचाया गया।
वैश्विक मंच पर भारत की रणनीति
भारत के इन सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों की यात्रा कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इससे न केवल भारत की एकजुटता का संदेश जाएगा, बल्कि यह भी स्पष्ट होगा कि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर वैश्विक समर्थन चाहता है। यह दौरा पाकिस्तान की कथित कोशिशों को रोकने के लिए भी अहम है, जिसमें वह खुद को आतंकवाद से पीड़ित देश दिखाने की कोशिश करता रहा है।